HDFCLIFE UPSELL LEAD INPUTTING AND POSITIVE CLOSURE... ...KNOW HOW

 HDFC LIFE step by step guide for doing positive closure of upsell case


Step 1

Open https://crm.hdfclife.com

(Do desktop mode if using mobile)

Step 2


Choose option LEAD and then press plus (+) near search icon


Step 3

Input details

Name

Date of birth

Mobile no.


Step 4 

Select DEO

Choose USER ID in first drop-down and type US1307R1 (1307 here is branch code)


Step 5 

Fill Details

Customer need

Product Platform

Product Discussed



Step 6

Select Yes in all 8 options


Now lead is inputted for upsell but still work is pending for positive closure,

Press lead number once and new window will open below 

Step 7

Choose Compain Code

Search LWCC

SELECT LWCC US


Step 8

Go to Products icon

Changed INTERESTED to PRODUCT PURCHASED


Step 9

Select Positive closure in Above window

and carefully input Application number.


Important Points 

>Punch application from dedicated upsell link will only be counted

> Application number once done positive closure cannot be used again

> Step4 and Step7  is must to get credit of upsell

संघ लोक सेवा आयोग - एक परिचय (UPSC - An Introduction)


सिविल सेवा व सिविल सेवा परीक्षा
ऐतिहासिक पृष्टभूमि: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रवादियों ने जो राजनीतिक आन्दोलन चलाया उसकी एक प्रमुख मांग थी कि लोक सेवा आयोग में भर्ती भारत में हो, क्योंकि तब इसकी परीक्षा इंग्लैंड में हुआ करती थी। प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना अक्तूबर 1926 को हुई। आज़ादी के बाद संवैधानिक प्रावधानों के तहत 26 अक्तूबर 1950 को लोक आयोग की स्थापना हुई। इसे संवैधानिक दर्जा देने के साथ साथ स्वायत्ता भी प्रदान की गयी ताकि यह बिना किसी दबाव के योग्य अधिकारियों की भर्ती क़र सके। इस नव स्थापित लोक सेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग नाम दिया गया।
संवैधानिक प्रावधान: यह एक संवैधानिक संस्था है क्योकि इसकी स्थापना संविधान के अनुछेद 315 के अंतर्गत हुई है। सामान्यता आयोग में अध्यक्ष सहित 9 से 11 सदस्य होते है, संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवको की भर्ती के लिए मुख्य संस्था है जो केन्द्र एवं केन्द्र शासित प्रदेशो में विभिन्न प्रशासनिक परीक्षाओं का आयोजन करता है।
आयोग विभिन्न सेवाओ के लिए लगभग दर्जन भर परीक्षाओ का आयोजन करता है, जैसे अभियांत्रिकी, चिकित्सा, वन सेवा आदि।
  1. भारतीय अभियांत्रिकी सेवा
  2. भारतीय आर्थिक और सांख्यिकी सेवा
  3. भूगर्भ सेवा
  4. विशिष्ट श्रेणी रेलवे प्रशिक्षु सेवा
  5. संयुक्त चिकित्सा सेवा
  6. केंद्रीय पुलिस सेवा
  7. संयुक्त रक्षा सेवा .
  8. राष्टीय रक्षा सेवा
→ वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षाओ के माध्यम से 24 सेवाओ के लिए अभ्यर्थियों का चुनाव करता है इसमें से सबसे चर्चित भारतीय प्रशासिनिक, भारतीय पुलिस सेवा व भारतीय राजस्व सेवा हैं।
अखिल भारतीय सेवा : भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय वन सेवायें ही अखिल भारतीय सेवा कही जाती है। जबकि, अन्य जैसे - भारतीय राजस्व सेवा व सूचना सेवाओं को केंद्रीय सेवा कहा जाता है। इन सेवाओं की भर्ती एव प्रशिक्षण का कार्यक्रम संघ सरकार करती ह जबकि अखिल भारतीय सेवा संघ तथा राज्य दोनों स्थानों पर अपनी सेवाएँ देती हैं। इनके सेवाओं के अधिकारियों के कार्य मुख्यत: लिखित से ज्यादा अलिखित है, जिसमें सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन, कानूनी प्रशासन इत्यादि हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा: यह सभी अखिल भारतीय सेवाओं में सर्वोच्च स्थान रखती है। तकरीबन १००० रिक्तियों के लिये चयनित अभ्यर्थी आई०ए०एस० अधिकारी जो कि केन्द्रों एवं राज्यों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते है। नियुक्ति के पश्चात इन्हें अनुमंडल या जिलों में नियुक्त किया जाता है और पदोन्नति के चलते ये राज्यों में विभागीय सचिव व केन्द्रों में कैबिनेट सचिव तक के पदों पर कार्य करते है। नोट: कैबिनेट सचिव सम्पूर्ण भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था का सबसे वरिष्ट अधिकारी होता है।
भारतीय पुलिस सेवा: यह सेवा अखिल भारतीय सेवाओं के अन्तर्गत आती है। चयनित अभ्यार्थियों की नियुक्ति तथा ज़िला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में दो वर्ष की ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है। पदोन्नति क्रमानुसार:- पुलिस अधीक्षक, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक, उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक तथा महानिदेशक होते हैं। इस सेवा के आई०पी०एस० अधिकारी ही ख़ुफ़िया ब्यूरो,  अनुसंधान एव विशलेषण संस्थान, केंद्रीय जाँच ब्यूरो, एवं अपराध अनुसंधान विभाग में भी अपनी सेवाएँ दे सकते हैं।
भारतीय वन सेवा: इस सेवा का सृजन 1966 में देश की प्राक्रतिक वन संप्रदा के संवर्धन व संरक्षण हेतु किया गया था। चयनित अभ्यार्थी सहायक वन संरक्षण के पद पर कार्य करते है तथा लगभक चार वर्ष कार्यकाल के पश्चात अधिकारियो को वरिष्ट पद और वेतनमान दिया जाता है। वन महानिदेशक केंद्र में सर्वोच्च पद होता है।
भारतीय राजस्व सेवा: यह एक केंद्रीय सेवा है, जहां पर अधिकारियों को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करना होता है। इस सेवा की दो शाखाएँ हैं - सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क तथा आयकर। इस सेवा में कार्यरत अधिकारी सहायक आयुक्त के पद से शुरुआत  करते हैं, और बाद में मुख्य  आयुक्त के पद पर कार्य करते हैं।
विशिष्ट श्रेणी रेलवे प्रशिक्षु सेवा: इस सेवा का आयोजन अंग्रेजों ने 1927 में शुरू किया गया था। यू०पी०एस०सी० प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से इस सेवा में चयनित अभ्यार्थियों को ग्रुप (ए) के पदों पर नियुक्त करता है, सामन्यत: एस०सी०आर०ए० के माध्यम से भी इसमें कई उच्च पदों की नियुक्ति की जाती है, किन्तु अभ्यार्थियों को ग्रुप (बी) से अपनी सेवा की शुरुआत करनी होती है। अभियांत्रकी सेवा के माध्यम से भी यू०पी०एस०सी० रेलवे सेवा में नियुक्तियां करता हैं।

सिविल सेवा परीक्षा (Civil Service Exam - An Introduction)


सिविल सेवा परीक्षा

परिचय → (Introduction)


प्रतिवर्ष यू०पी०एस०सी० सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में करता है - सर्वप्रथम प्रारम्भिक परीक्षा फिर मुख्य परीक्षा तथा अंतिम चरण में अभ्यार्थी का साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण होता है। साक्षात्कार में चयनित अभ्यार्थी अपने अर्जित किये गये अंकों व वरीयता के अनुरूप आई०ए०एस०, आई०पी०एस०, आई०एफ०एस० तथा अन्य केन्द्रीय सेवाओं (ग्रुप ए व ग्रुप बी) के लिए चयनित किये जाते हैं। देश की इस सबसे मुश्किल परीक्षा और इसमें अचूक सफलता के लिए अनुशासन, कठिन परिश्रम, अध्य्यन प्रबंधन और धैर्य ही मूलभूत अधार हैं।

प्रथम चरण  (प्रीलिम्स) प्रारंभिक परीक्षा


प्ररंभिक परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा का पहला व एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा में प्रत्येक वर्ष तकरीबन चार लाख से अधिक अभ्यार्थी भाग लेते हैं, किन्तु कुल १३ से १४ हजार अभ्यार्थी ही मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर पाते हैं। 
यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ होती है, जिसमें दो पेपर हुआ करते हैं।
  • प्रथम प्रश्न पत्र : प्रश्न = 100, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (सामान्य अध्ययन - राजनीति विज्ञान, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, सामयिक घटनायें इत्यादि।)
  • द्वितीय प्रश्न पत्र : प्रश्न = 80, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (तार्किक क्षमता एवं योग्यता इत्यादि।)
नोटप्रत्येक  प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित हैं। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए कुल अंक में से 1/3 अंक काटे जाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यार्थियों के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जुडते हैं।

दूसरा चरण  (मेन) मुख्य परीक्षा


ुख्य परीक्षा: सिविल सेवा परीक्षा का यह दूसरा चरण अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, और यहीं पर प्रतिभागियों के ज्ञान की वास्तविक परीक्षा होती है । इसमें परीक्षा में कुल 9 (नौ) प्रश्न पत्र होते हैं । वर्ष 2013 में यू०पी०एस०सी० ने मुख्य परीक्षा प्रकृति में कुछ परिवर्तन किये । पूर्व में होने वाले सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र जो कि 600 अंकों का होता था, वह अब 1000 अंकों का होता है। पहले वैकल्पिक विषयों में से किन्हीं दो का चुनाव करना होता था, जो कि कुल 1200 अंकों के होते थे, किन्तु वर्तमान में अभ्यार्थियों को सिर्फ एक ही वैकल्पिक विषय चुना जाना है जो कि कुल 500 अंकों का होता है।

विषयवार अंकतालिका


विषय / प्रश्नपत्रअंक
निबंध250
सामान्य अध्ययन-1, (भारतीय विरासत एवं संस्कृति, भूगोल, अन्य)250
सामान्य अध्ययन-2-1 शासन, संविधान, सामाजिक न्याय, अन्य250
सामान्य अध्ययन-3- प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-प्रौद्योगिकी, अन्य250
सामान्य अध्ययन-4- नैतिकता, अभिरूचि, योग्यता250
वैकल्पिक विषय- पत्र - 1250
वैकल्पिक विषय- पत्र - 2250
कुल योग: -
1750
नोट:- मुख्य परीक्षा में सफल हुये अभ्यर्थियों को ही यू०पी०एस०सी० सिविल सेवा परीक्षा के तीसरे और अंतिम चरण जो की एक साक्षात्कार परीक्षा है, के लिये बुलाया जाता है।

अंतिम चरण: सिविल सेवा साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण


साक्षात्कार में आपके ज्ञान से अधिक, उसकी प्रस्तुति, अवलोकन, आपका आत्मविश्वास एवं महत्वपूर्ण मामलो पर आपके विचार प्रक्रिया व प्रतिक्रिया इत्यादि की परख की जाती है। एक अदर्श साक्षात्कार के लिये लगभक तीस से पैंतीस मिनट तक का समय अच्छा माना जाता है । इसमें प्राय: अभ्यर्थियों के विस्तृत आवेदन प्रपत्र, चयनित एच्छिक विषय, अभिरूचियों व राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूंछे जाते हैं।
ज्ञात रहे कि 2013 से मुख्य परीक्षा की पद्धति एवं पाठ्यक्रम के अतिरिक्त साक्षात्कार परीक्षा के अंकों में भी बदलाव किया गया है । पूर्व में साक्षात्कार के लिये 300 अंक निर्धारित थे, किन्तु वर्तमान में यह घटकर 275 अंकों का हो गया है।

यूपीएससी: आईएएस सामान्य अध्ययन सिलेबस (परीक्षा पाठ्यक्रम)


भारतीय प्रशासनिक सेवा
(यूपीएससी आईएएस सिलेबस)

सामान्य अध्ययन प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam)


विषयों की सूची:

प्रश्नपत्र- I (200 अंक)
  • राष्ट्रीय और अंतर्रराष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं.
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन.
  • भारत एवं विश्व भूगोल – भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
  • भारतीय राज्यतन्त्र और शासन – संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे, आदि।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत वकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
  • एवं सामान्य विज्ञान

परीक्षा का पैटर्न व पाठ्य विवरण : Detailed Syllabus

प्रश्नपत्र- II (200 अंक)
  • बोधगम्यता
  • संचार कौशल सहित अंतर – वैयक्तिक कौशल
  • तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
  • निर्णय लेना और समस्या समाधान
  • सामान्य मानसिक योग्यता
  • आधारभूत गणना (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का विश्लेषण (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि - दसवीं कक्षा का स्तर)
  • अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल (दसवीं कक्षा का स्तर)
नोट: १०वीं कक्षा स्तर के अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल के प्रश्नों का परीक्षण, प्रश्नपत्र में केवल अंग्रेजी भाषा के माध्यम से, हिंदी अनुवाद उपलब्ध कराए बिना किया जाएगा। प्रश्नपत्र के सभी प्रश्न बहुविकल्पीय, वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे तथा मूल्यांकन के प्रयोजन से यह अनिवार्य है कि उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित हो। यदि आप सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित नहीं होंगे तो आपको अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

सामान्य अध्ययन मुख्य परीक्षा (Mains Exam)


संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराए जाने वाली सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए वर्ष 2013 में जारी कर दी गयी थी जिसके अन्तर्गत परीक्षा के पैटर्न में कुछ बदलाव हुये थे। इस नई  परीक्षा प्रणाली  में मुख्य परीक्षा के लिये कुल 1750 अंक निर्धारित कर दिये गये हैं, इससे पहले इसके लिये कुल 2000 अंक निर्धारित थे। इन परिवर्तनों को हम निम्नलिखित तालिका के अंर्तगत देख सकते है:

आईएएस मुख्य परीक्षा के पैटर्न में कुल सात पेपर है:


क्वालीफाइंग पेपर्स (इन प्रश्नपत्रों के अंक अंतिम परिणाम में नही जोड़े जाएंगे।)

पेपर (A)संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में से कोई एक भाषा उम्मीदवारों द्वारा चुनी जानी चाहिये। कुल 300 अंक
पेपर (B)अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन एवं सार लेखन (10वीं के लेवल का) कुल 300 अंक

रंकिंग पेपर्स (इन प्रश्नपत्रों के अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे।)

प्रथम प्रश्न पत्रनिबन्ध का पेपर : कुल 250 अंक
दूसरा प्रश्न पत्रसामान्य अध्ययन पेपर - १ (भारतीय संस्कृति एवं विरासत,विश्व एवं समाज का इतिहास और भूगोल) : कुल 250 अंक
तीसरा प्रश्न पत्रसामान्य अध्ययन पेपर - २ (शासन,संविधान,राज्य-व्यवस्था,सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध) : कुल 250 अंक
चौथा प्रश्न पत्रसामान्य अध्ययन पेपर - ३ (प्रौद्यौगिकी,आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन) : कुल 250 अंक
पांचवां प्रश्न पत्रसामान्य अध्ययन पेपर - ४ (नीति, अखंडता एवं अभिक्षमता) : कुल 250 अंक
छठा प्रश्न पत्रवैकल्पिक विषय (पेपर - १) : कुल 250 अंक
सातवां प्रश्न पत्रवैकल्पिक विषय (पेपर - २) : कुल 250 अंक
मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न पत्रों के लिए, यूपीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत लगभग 26 विषयों की एक सूची है जिसमें से किसी एक विषय को उम्मीदवार द्वारा चुना जाना है।
लिखित मुख्य परीक्षा के लिये निर्धारित कुल अंक : 1750
साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षण के लिये कुल अंक: 275
कुल योग : 2025
नये परिवर्तन के अनुसार अब अभ्यर्थी वैकल्पिक विषय के रूप में केवल एक ही विषय  का चुनाव कर सकते है, जबकि पूर्व पैटर्न के हिसाब से इसमें दो वैकल्पिक विषय हुआ करते थे। किसी साहित्य के वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव हेतु, उपयुक्त विषय का स्नातक में मुख्य विषय के रूप में अध्ययन अनिवार्य किया गया है, अन्यथा किसी साहित्य का वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव संभव नही होगा । इस नये सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पैटर्न के अंतर्गत "भाषा माध्यम" के संदर्भ में भी बदलाव किये गये है।